मेरा साया ©दीप्ति सिंह
वज़्न - 2122 1212 22
वक़्त ये ऐसा आज है आया ।
मुझसे है दूर मेरा ही साया ।
तुमको सीने से लगाकर रो लें...
दिल में हर-बार ये ख़याल आया ।
हम नहीं ज़ार- ज़ार रो सकते...
इसलिए ख़ुद को हमनें समझाया ।
तेरी ख़ुशियों की बस तमन्ना है...
दिल यही सोच कर है मुस्काया ।
तुम धड़कती हो मेरे सीने में...
जिंदगी का हो तुम ही सरमाया ।
©दीप्ति सिंह 'दीया'
बेहद खूबसूरत ज़ज़्बाती गज़ल डियर 👌👌👌❤❤❤❤❤
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार एवं सप्रेम अभिवादन आपका दीदी 💐💐💐🙏🏼😊
हटाएंबहुत सुंदर और भावनाओं से ओतप्रोत ग़ज़ल! बहुत बहुत शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार आपका 🙏🏼💐💐💐😊
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हटाएं😊💐💐💐💖
हटाएंBahut sundar ♥️👏🏻
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुक्रिया आपका 😊💐💐💐
हटाएंबहुत मर्मस्पर्शी ग़ज़ल.... वाह्हहहहहहह मैम...
जवाब देंहटाएं🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन आपका प्रशान्त जी 😊💐💐💐
हटाएंबहुत सुन्दर... 😊
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार आपका भैया 😊💐💐💐🙏🏼
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जवाब देंहटाएंतहे-दिल से शुक्रिया आपका 😊💐💐💐
हटाएंतहे-दिल से शुक्रिया आपका 😊🙏🏼💐💐💐
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण मैंम👏
जवाब देंहटाएंहृदय तल से आभार आपका 😊💐💐💐
हटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल ma'am 👌👌
जवाब देंहटाएंतहे-दिल से शुक्रिया आपका तुषार 😊💐💐💐💐
हटाएंअत्यंत मर्मस्पर्शी मैम 👏👏🙏
जवाब देंहटाएंअत्यंत हृदयस्पर्शी🙏
जवाब देंहटाएंBeautiful
जवाब देंहटाएंबेहद भावपूर्ण ग़ज़ल 💐
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