नज़्म चोरी हो गई ©हेमा काण्डपाल

 थी ज़हन की कोठरी में बंद जब वो

ख़ुश बहुत थी

वो मुक़द्दस

वो थी पारस

हर गली में फिरती रहती 

तंग गलियाँ उसको भाती

शाम ,दिन या दोपहर हो 

नज़्म हूँ मैं नज़्म हूँ मैं 

गा के सब को ये बताती 

और बदले में कई रंगीन सपने संग लाती 

मुझसे कहती - "लोग मुझको जब सुनेंगे क्या कहेंगे?"

क्या मुझे वो प्यार देंगे? 

या मुझे दुत्कार देंगे? 

और सुनो उनवान मेरा ठीक है क्या? 

और ये लफ़्ज़ों की माला ? 

नूर नज़्में कहने वाली ख़ास लड़की

कुछ तो बोलो!

याद झुमके , बात कंगन और बिंदी है ये नुक़्ता

तो कहो सब ठीक है ना? 

अब सुनो जल्दी से मुझको भेंट कर दो इस ज़हाँ को


भेंट कर दो? 

गुम गई तो 

और चोरी!

ना न ना ना 

मुझसे ना हो पाएगा ये

कह दिया तो कह दिया बस!


वो मगर ज़िद्दी बड़ी थी 

बात मेरी इक न मानी 

और ज़हन से कूद कर उतरी ज़मी पर 

गाँव ,कस्बे, वन ,नदी ,पर्वत सभी घूमी वो जी भर 

और इक दिन 

मुझसे बोली - " जानती हूँ! तुमने मुझको है बनाया

कुछ हसीं सपनों को चुनकर 

मखमली ख़्वाबों को बुनकर 

और इक एहसान कर दो

मुझको महफ़िल में पढ़ो तुम"


मैंने बोला सुन री पगली 

महफ़िलें अब ग़ुम गईं हैं 

रौनकें सब थम गईं हैं

पहले सी गर बात होती 

आँगनों में रात होती 

लोग तुमको सोचते, तुम गुदगुदी महसूस करती 

कोई कहता प्यार हो तुम 

कोई तुमको याद कहता 

लोग सुनते तुमको दिल से 

और तुम ज़हनों की वो रंगीन दुनिया देख पाती 

देख पाती वो सफ़र तुम ,एक से दूजे ज़हन का 

पर यहाँ अब कोफ़्त है बस


डबडबाती आँख में आँसू लिए तब मुझसे बोली 

"नज़्म की किस्मत यही है ? इक ज़हन से हो कुढ़न तक!

नेक लड़की तुम ही बोलो, क्या ज़हन ही मेरा घर है ?


उसकी बातों में आ के मैंने उसको महफ़िल में पढ़ा तब

और देखो

हो गई ना 

नज़्म चोरी 


©हिया

टिप्पणियाँ

  1. हो गई ना...नज़्म चोरी...वाहहहहहहहह, कमाल के भाव हैं🙏

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहद कमाल की नज़्म... चोरी हो गई 👌👌👌👌❤❤❤❤💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  3. क्या बेहतरीन नज़्म है, क्या नया concept है, और कितने अच्छे से कही है आप ने , बहुत बोहत प्यारी नज़्म है।।। 💙💙💙

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. इस नज़्म को इतनी मोहब्बत देने के लिए दिल से शुक्रिया 💙💙💙💙💙

      हटाएं
  4. वाह्हहहह क्या बात है💐💐💐
    दिल को छू लेने वाली बेहतरीन नज़्म 💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहद खूबसूरत नज़्म 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻❤️❤️❤️❤️😘💐💐💐💐

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहद बेहद बेहद खूबसूरत नज्म मैम, अप्रतिम 👏👏🙏

    जवाब देंहटाएं
  7. नज़्म की किस्मत यही है ?
    इक ज़हन से हो कुढ़न तक!

    लाज़वाब नज़्म... 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

    जिस सलीके से कही है... वो कभी चोरी न होगा.... 😊😊😊

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. दिल से शुक्रिया भईया 💙💙💙🙏🙏
      सलीका चोरी नहीं होगा 🙏🙏🙏🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺 बहुत शुक्रिया

      हटाएं
  8. नज़्म चोरी हो गई है👏👏👏
    बहुत खूबसूरत👏👏👏

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कविता- ग़म तेरे आने का ©सम्प्रीति

ग़ज़ल ©अंजलि

ग़ज़ल ©गुंजित जैन

पञ्च-चामर छंद- श्रमिक ©संजीव शुक्ला 'रिक्त'