वर्ण मंजरी ©संजीव शुक्ला
वर्ण मंजरी को मिला आप सभी का स्नेह हृदय छू गया l समस्त लेखनी परिवार का ह्रदय से आभारी हूँ, आo. नवल सर, आo.दीप्ति सिंह जी, आo. सरोज बहन जी, आo. अनिता दीदी, प्रिय सर्व श्री प्रशांत जी,तुषार, अंशुमान, सूर्यम, विपिन जी, आशीष जी, प्रिय रानी,, प्रिय लवी,प्रिय सौम्या, रजनी जी,वंदना सिस,सुभागा सिस,अंजली आo. रेखा बहन,एवम लेखनी परिवार के अन्य समस्त प्रिय एवम आदरणीय जनों का वर्णमंजरी की ओर से मैं ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ l श्रीकृष्ण l 🙏🙏
©संजीव शुक्ला 'रिक़्त'
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आभार l 💐
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएँ आपको आदरणीय 💐💐💐💐🙏🏼🙏🏼😊
जवाब देंहटाएंसादर आभार 😊🙏
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जवाब देंहटाएंअत्यंत मनहर, प्रेरणाप्रद एवं हिंदी साहित्य प्रेमियों को सम्मोहित करता हुआ अनमोल काव्य संग्रह...... असंख्य शुभकामनाएँ सर.... 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं सर जी👏👏👏👏
जवाब देंहटाएंCongratulations Sirji 🙏🙏
जवाब देंहटाएंमनहर छंदो, आकर्षक गीतों से सुशोभित अत्यंत अनमोल,अतिरम्य काव्य संग्रह 👏👏नमन है सर 🙏
जवाब देंहटाएंइतनी उत्कृष्ट काव्य संग्रह के लिए अनेकोनेक हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई आपको भाई 🙏🙏💐💐💐💐💐
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएँ भाई जी 🙏🏻💐💐
जवाब देंहटाएंNaman 🙏🙏
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट छंद, गीत एवं कविताओं के इस अनुपम काव्य संग्रह की अनंत बधाई, शुभकामनाएं सर💐🙏🙏
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