बजरंग वंदना ©दीप्ति सिंह

 

छंद: मधुमालती 

प्रत्येक चरण 14 मात्रा 

पाँचवी एवं बारहवीं मात्रा लघु 

चरणान्त रगण


सुत केसरी सुत अंजना,करते तिहारी वंदना ।

बजरंग मारुति नंदना, करते तिहारी वंदना ।।


श्री राम उर में सोहते, हनुमान हिय को मोहते।

माँ जानकी प्रभु संग में, अंतर बसे बजरंग में ।

यह रूप दर्शन कामना, करते तिहारी वंदना ।।


अपनी कृपा प्रभु दीजिये, संकट हमारो लीजिये।

बजरंग अब तो रीझिये, स्वीकार विनती कीजिये।

दारिद्र दुख भय भंजना,करते तिहारी वंदना ।।


प्रभु आपका वरदान है,तो श्वास भी गतिमान है ।

हम आपकी संतान हैं, अंतर बसा अज्ञान है ।

कीजै प्रकाशित चेतना,करते तिहारी वंदना ।।


तम जाल पर संधान हो,नव काल का निर्माण हो।

प्रभु पथ प्रकाशित ज्ञान हो,सन्मार्ग पर उत्थान हो।

है आपसे प्रभु याचना,करते तिहारी वंदना ।।


© दीप्ति सिंह "दीया"

टिप्पणियाँ

  1. वाहहह, अति सुंदर। जय बजरंगबली🙏

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  2. बहुत खूबसूरत!जय बजरंगबली👏👏👏👏

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  3. भक्ति रस में डूबी श्री बजरंग बली की बहुत सुंदर भावपूर्ण स्तुति 🙏🙏🙏💐💐

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  4. बहुत सुंदर maam 🙏🙏
    जय श्री राम
    जय हनुमान🙏🙏

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  5. बहुत बहुत सुन्दर 👌👌
    जय बजरंग बली 🙏🙏

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  6. उत्तर
    1. बहुत-बहुत शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन डियर 😍💐💐💐💐💐

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  7. अत्यंत उत्कृष्ट स्तुति, जय जय बजरंग बली की, नमन मैम 🚩🙏🌞

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    1. हृदय तल से आभार एवं सस्नेहाभिवादन आपका सूर्यम 😍💐💐💐💐💐

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  8. उत्कृष्ट रचना दीदी..जय बजरंगबली 🙏🙏🙏

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन डियर 😍💐💐💐💐💐

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