छंद- श्रीकृष्ण ©रानी श्री

 अदित्य नंदलाल विष्णु अच्युतं प्रियं भवं

लला यशोमती च नंद श्याम वर्ण केशवं।

हिरण्यगर्भ देवकी सुतं च देव नंदनं

अनंतजीत माधवं नमामि प्रेम वंदनं।


प्रियं मुखं प्रियं सुखं अनंत संग गोपिका 

गृहं तु गोकुलं अनंतजीत राज्य द्वारिका।

कलिंदजा तटे प्रमोद ग्वाल संग मोहनं

चतुर्भुजं च धेनु दृश्य एक एव शोभनं। 


कलादि षोडशं प्रवीण कृष्ण कांति सुंदरं

मयूर पंख साज वेणु वाद रुक्मणी वरं।

बकासुरं च पूतना च कंस काल तारकं

निपात कालिया च पर्वतं कनिष्ठ धारकं।


समीर अंबरं च पावकं जलं धरा सदा

करं शुभं सुदर्शनं,सरोज,शंखकं गदा।

वदामि सारथी रथं उपेन्द्र अर्जुनं कथा

नमामि त्वं भजामि त्वं इदं परम् सुखं प्रथा।

©रानी श्री


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