छंद- महादेव ©रानी श्री

 छंद - पञ्च चामर 

चरण - 4 (दो दो चरण समतुकांत)

वर्ण - 16

मात्रा - 24

ISI SIS ISI SIS ISI S


महेश पर्वते विराज धारणी महा प्रभा 

प्रचंड चंड भूतले त्रिलोचनं मुखे विभा।

भविष्य भूत वर्तमान काल चक्र सर्वदा

विराजिता महा कपर्दिनी शिवा सती सदा l


पिनाक हस्त नाग कंठ भस्म साज वंदनं

विनाश तांडवं शिवं भजे शिलादनंदनं।

हिमांशु सज्जितं नदीश्वरी जटे प्रवाहिता

अखंड ज्योति पुंजिता मुखे धरा समाहिता।

©रानी श्री

टिप्पणियाँ

  1. अद्भुत, अप्रतिम, अत्यंत उत्कृष्ट छंद सृजन बेटा 👏👏👏💐💐💐💐🙏🙏🙏

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  2. अत्यंत अप्रतिम अतिरम्य छंद सृजन दीदी, हर हर महादेव 🌼🌻🙏

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  3. अद्भुत रचना 🤩🙏
    जय बाबा भोलेनाथ 🙏🙏

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