मतदान ©नवल किशोर सिंह
अपनी ताकत को पहचान।
ताकत तेरी है मतदान।
सत्यनिष्ठ की शपथ उठाना।
सोच-समझ कर मुहर लगाना।
मत अपना देने से पहले,
राष्ट्र-धर्म का रखना ध्यान।
आए कोई पास शिकारी।
रत्न-रजत से भरे पिटारी।
चमक-दमक में भूल न जाना,
चेतन का करना सम्मान।
स्वार्थ बोध को ज़रा घटाकर।
जाति-धर्म को दूर हटाकर।
सुखद आज कल भी पुलकित हो,
उँगली में धर वही निशान।
-©नवल किशोर सिंह
सर सच सटीक रचना
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना सर 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना सरजी 🙏🙏
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार🙏
जवाब देंहटाएंअत्यंत सार्थक, सटीक एवं समसामयिक सृजन सर जी 👏👏👏💐💐💐🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंअत्यंत सटीक एवं प्रभावशाली सृजन 💐💐💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंअत्यंत सटीक🙏
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना सर
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