वीणा वादिनी माँ ©सुचिता

 जय हे वीणा वादिनी माँ !

जय हे किरपा दायिनी माँ ! 

 

ज्ञान-अंजन मल नयन में .

ज्ञान भर दे बुद्धि मन में ।

हर ले तम , तम नाशिनी माँ ।

जय हे , वीणा वादिनी माँ  ।


ताल-लय छंदो की रानी ..

तू तो माँ वेदों की ज्ञानी ।

स्वर दे , सुर नव रागिनी माँ।

जय हे , वीणा वादिनी माँ।


चेतना दीपक जला कर ..

शूद्र मानव का भला कर ।

शुभ्र-छवि हंस वाहिनी माँ ।

जय हे , वीणा वादिनी माँ ।

  ©सुचिता

टिप्पणियाँ

  1. नमन हे माँ शारदे।
    अति सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  2. जय माँ शारदे 🙏🙏
    बहुत उम्दा रचना 👌👌

    जवाब देंहटाएं
  3. जय हो माँ वाणी की,
    अप्रतिम मैम 👏🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. अति सुंदर एवं भावपूर्ण स्तुति 💐💐💐🙏🏼

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर सरस्वती वंदना 💐💐
    जय माँ शारदे 🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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