भ्रमर दोहे ©प्रशान्त
मगण तगण गुरु मगण तगण
SSS SSI S SSS SSI
पाला-पोसा प्राण दे, माता ने संसार l
हे देवी माँ! आपकी, पूजा बारम्बार l
छाया देते वृक्ष-सी , झेलें झंझावात l
ऐसी मेधा धन्य है, जै जै जै श्री तात l
भाई जैसी मित्रता, दीदी जैसा प्यार l
दूजा होता ही नहीं, ढूँढे लाखों द्वार l
नारी में नारायणी , नारी ही उत्थान l
भार्या के सम्मान से, भर्ता आयुष्मान l
संतानों के रूप में , आता है उल्लास l
आरोगी संतान से , आनंदी आवास l
सत्याग्राही विश्व को, देते जो सद्-ज्ञान l
रिश्तों से ऊँचे गुरू, शिष्यों के सम्मान l
© प्रशांत
संबंधों को परिभाषित करती बहुत सुंदर भ्रमर दोहे 👏👏👏💐💐💐
जवाब देंहटाएंअद्भुत दोहे 👏😍🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर सटीक भ्रमर दोहे 💐💐
जवाब देंहटाएंअद्भुत भ्रमर दोहे, बहुत बहुत बधाइयां💐💐💐
जवाब देंहटाएंअत्यंत उत्कृष्ट एवं सटीक भ्रमर दोहे 💐💐💐
जवाब देंहटाएंUmda rachna Sirji👌👌
जवाब देंहटाएंसुंदर भ्रमर दोहे
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