नज़्म : कभी नहीं © हेमा काण्डपाल

 किसी के जाने का दुःख जब 

सोग हो जाए

तकलीफ़ बढ़े और इतनी 

के रोग हो जाए 

पथरीली पड़ जाएँ मेरी साँसें 

और यौवन 

तेरे लिए भी जोग हो जाए 

तब मिलना


जब तारे सारे मर जाएँ

सारस आपस में लड़ जाएँ

भँवरों का रस पी जाएँ कँवल 

जीवन बन जाए एक ख़लल

तू अब भी वादों का कच्चा हो

दिल लेकिन तेरा बच्चा हो

तब मिलना


जब फूल जहाँ के खो जाएँ

पीले पत्ते, भूरे हो जाएँ

जब तिरछा वक़्त का काँटा हो

घर ने दहलीज़ को बाँटा हो

जीते जी फिर से मरना हो 

ख़ुद 'ख़ुद' को रुस्वा करना हो

तब मिलना


नाते संसार के यकजा ही

जब राह का पत्थर जान पड़ें

जब लोरी भी इक चीख़ लगे 

और प्राण हथेली आन पड़ें

जब माया ख़ुद को डस जाए

जीवन दो राह में फँस जाए 

तब मिलना


जब ग़म बढ़ जाए मीलों तक

ख़ुशियाँ पल भर ही टिक पाए 

कूचे कूचे फिरने पर भी

सारा दर्द न बिक पाए

जब कोई याद दिलाए मेरी 

और तुमको पत्थर याद आए

तब मिलना


जब हाथ में कोई हाथ न हो

सिरहाने क़िताब न हो

जो मेरी नज़्में भूलो तुम

ख़त को उल्टा ही खोलो तुम 

जब वक़्त के पास भी वक़्त न हो

दिल तेरा बर्फ़ सा सख़्त न हो 

तब मिलना


तुमने ख़त में पूछा था ना

कब है मिलना! 

और जवाब में लिक्खा मैंने

तब मिलना 



©हिया

टिप्पणियाँ

  1. वाह्हहहहहहहहहह.... कमाल, ज़्बात से भरी उम्दा नज़्म..... 💐💐💐💐💐💐💐☺☺☺☺

    जब वक़्त के पास भी वक़्त न हो..... अहा हा हा..... 👌👌👌👌👌👌

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  2. बहुत ही बेहतरीन नज़्म, वाहहहहहह👏

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  3. बेहतरीन अल्फ़ाज़💐💐
    बेहद खूबसूरत बेहद भावपूर्ण नज़्म 💐💐💐

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  4. वाह बेहद खूबसूरत अल्फ़ाज़ और ज़ज़्बात से भरी बेइंतहा खूबसूरत नज़्म ❤❤❤❤💐💐💐💐

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  5. बेहद संजीदा... दिल को छू लेने वाली नज़्म है हिया👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻❤️❤️

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  6. बहुत ख़ूबसूरत नज़्म वाऽऽह ….बहुत ही भावपूर्ण 👌👌

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