हमारे नौ सेना.. जिंदाबाद ©परमानन्द भट्ट

 सागरो के इन तटों पर,

सख्त पहरे हैं हमारे ।

शत्रु दल रोंदे बिना कब,

पोत ठहरे हैं हमारे ।

आकाश से पाताल तक,

विजय की गाथा लिखेंगे,

सुयश की प्रस्तर शिला पर,

चिन्ह गहरे हैं हमारे ।


भारती की आरती हम,

व्योम,जल,थल में उतारे ।

रोज अपलक देखते हैं

सिन्धु के सुन्दर नजारे ।

शत्रु दल थर्रा रहे है,

नाम सुन कर के हमारा ।

सुयश की प्रस्तर शिला पर,

चिन्ह गहरे हैं हमारे ।


©परमानन्द भट्ट

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर, जयहिंद जयहिंद की सेना 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳💐💐💐

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  2. देशभक्ति भाव से ओत-प्रोत अत्यंत सुंदर और हृदय स्पर्शी रचना 💐💐💐💐💐💐💐

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  3. अत्यंत उत्कृष्ट एवं ओजपूर्ण सृजन 🇮🇳🙏🏼💐💐

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