शार्दुल विक्रीड़ित©लवी द्विवेदी

 छंद- शार्दुल विक्रीड़ित

चरण- 4 (दो-दो वर्ण या चारों चरण समतुकांत) 

12, 7 यति ( वर्ण) अनिवार्य

मगण सगण जगण सगण तगण तगण गुरू

SSS IIS ISI IIS SSI SSI S 


रामे राम रमें मणिः मुख शशी, रामेति वर्णं प्रभा, 

रामं राम पदारविंद शरणं, रामेश सर्वं शुभा। 

रामं धार्य धनुर्धरं रवि मुखं, भूपेण वामेश्वरम्

रामायं रम रोम रोम रमणा, रूपेण रामेश्वरम्। 


श्री सौमित्र सुपुत्र शेष सहितं, भ्रातेति रामं प्रियं, 

भार्या मातु रमे प्रियेन क्षितिजा, रोहेण रामं सियं। 

भक्तं सः हनुमंत संत पवनं, श्री केसरी नंदनं, 

दीनानाथ दयानिधिं कुसुमितं, वन्दे सिया वंदनं।


रामं आगमनः पुनीत  कुशलं, राज्ये दीप मोदते, 

कौशल्ये दृग नीर वक्ष प्रणयं, मोहं गृहे शोभते। 

भ्राता भाव उदार प्रीत भरतम्, दृष्टेन अश्रुः लहे, 

मर्यादा पुरुषोत्तमे भवपतिं, वन्दे सुशोभा गहे।


पुण्यं प्रेम पुनीत पंकज पतिः, पाथोज पद्मासिनः, 

वन्दे वृन्द विशेश्वरम् विमल त्वं, वक्षस्थलं वासिनः।

कौमार्यं सुत सूर्यवंश अजयं, सृष्टेन सः आगरं, 

नाना नेति च नौमि नौमि नवलं, नाथाय नौ नागरं। 


रामे नौमि नमामि नाथ हरणं, दुखं नमो रामयं, 

रामे नौमि नमामि नेह करणं, सुखं नमो रामयं।

रामे नौमि नमामि दायक नमो, रामाय नौ रामयं, 

रामे नौमि नमामि सायक नमो, रामाय नौ रामयं।

©लवी द्विवेदी

टिप्पणियाँ

  1. अद्भुत अप्रतिम छंद सृजन डियर 👏👏👏💐💐

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  2. अप्रतिम अप्रतिम अप्रतिम दीदी 👏🙏

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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