कार्तिक की निर्मल उजियास ©सरोज गुप्ता
कुछ प्रकाश के पुंजों के संग ,
प्रज्ज्वलित ये मन में वास है ।
अद्भुत निर्मल उजियास है ।।
धरती से अम्बर तक फैले
जैसे छोटे बड़े सितारे,
आज अमावस रात बन गई
जैसे पूनम के उजियारे,
काली चादर पर छिटके ज्यों
स्वर्ण नक्षत्र का भास है ।
अद्भुत निर्मल उजियास है ।।
कार्तिक मास सुहाना लागे,
घर,ऑंगन,ड्योढ़ी है साजे,
तुलसी की बिरवा भी देखो
चौरे पर क्या खूब विराजे,
मंगल स्वर में भजन गीत के
लगता नित अरदास है ।
अद्भुत निर्मल उजियास है ।।
उत्सव भरा मास ये आया
धनतेरस बाजार सजाया,
तैय्यारी चौदस करवाये
दीपोत्सव क्या धूम मचाये,
गोवर्धन और दूज भाई की
लाया मन में उल्लास है ।
अद्भुत निर्मल उजियास है ।।
© सरोज गुप्ता
Bahut sundar ma'am 🙏👌👌🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका तुषार 🙏🙏💐
हटाएंअति सुंदर एवं मनमोहक 💐💐🙏🏼
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका डियर 🙏🙏💐
हटाएंबहुत ही सुंदर🙏🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका गुंजित 🙏🙏🌹
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