साप्ताहिक कार्यक्रम©विपिन बहार

 कोई भी काव्य-पाठ तभी सफल होता है...जब श्रोता उच्च-कोटि के हो...सच मे गुरुजनों के सामने काव्य-पाठ करना किसी बड़े अनुभव से कम नही है...लेखनी परिवार के सभी गुरुजनों के सामने काव्य-पाठ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ...मैं इसका तहेदिल से शुक्रगुजार हूँ... आप सभी का ऐसे ही आशीर्वाद बना रहे है....

  © विपिन बहार

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टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुन्दर एवं सराहनीय प्रस्तुति.....

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