बनना चाहता हूँ ©तुषार पाठक
मैं खुद को तुझे आँखो में उतार कर मोह्ब्बत का नशा करना चाहता हूँ,
मै तेरी ज़िन्दगी की किताब का अच्छा किरदार बनना चाहता हूँ!
मैं दुनिया को जीत कर तेरे प्यार में हारना चाहता हूँ!
मैं ख़ुशी में तेरे चहरे की मुस्कराहट बनना चाहता हूँ,
और तेरे दुःख में तेरे आँखो का अश्क़ बनना चाहता हूँ!
मैं तेरे अधूरे सपने की आख़री मंज़िल बनना चाहता हूँ।
मैं तेरे कोमल हाथों की लक़ीर बनना चाहता हूँ!
मैं तेरे ज़िन्दगी के सफ़र में हमसफ़र बनना चाहता हूँ!
मैं तेरे साथ बिताए हर पल को कैद करके कैदी बनना चाहता हूँ!
मै तेरे संघर्ष में ख़ामोशी के वक़्त का शोर बनना चाहता हूँ!
yeh meri kavikta ki akhri pakti padhta hoo
मैं तेरी हर बात की चर्चा बनना चाहता हूँ!
मैं तेरे हर दर्द की दवा बनना चाहता हूँ l
© तुषार पाठक
❤❤❤
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंबेहद खूबसूरत बेहद रूमानी 💐💐
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंवाहहह
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंवाह बहुत सुंदर, रूमानियत से भरपूर 👏👏👏💐💐💐
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंSuper
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत 👏
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंवाह! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।☺👌✨
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएं❤️❤️
जवाब देंहटाएंBhot badhiya bhai ❤️❤️
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंबहुत सुंदर🙏👏
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएं❤️
हटाएंबेहद खूबसूरत❤️🎉🎉
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंवाह । सुंदर 👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
हटाएंThank you 😊🙏
जवाब देंहटाएंवाऽऽह बहुत सुन्दर 👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंThank you 😊🙏
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