नज़्म © हेमा काण्डपाल
सुनो वो सज गई है क्या
वो डोली सज गई है क्या
कोई बतला दे ये मुझको
मेरी बारात है ये क्या
सजन तुम रूठ जाओगे!
बलम तुम रूठ जाओगे!
कहो जल्दी वगरना तुम
यकीनन भूल जाओगे
कि कैसे भूल जाओगे?
कि कैसे देख पाओगे!
सुनो! तुम देख पाओगे?
सुनो वो सज गई है क्या
वो डोली सज गई है क्या
ज़ख़्म मुझको लगा भारी
ये बिंदी और ये साड़ी
ये नथनी नोच डालूॅं क्या
कि सचमुच तोड़ डालूॅं क्या
मुझे भाती थी वो बाली
सजन हाॅं वो ही इक बाली
जो तुम बरसात में लाए
हाॅं बरसात में छुम छुम
वो बरसात की रिम झिम
सजन क्या थम गई होगी?
सजन वो थम गई होगी!
बलम जब सर्द आएगी
न यूॅं परहेज़ तुम करना
भला परहेज़ क्यों करना
गला जो बैठ जाएगा
हाॅं बिल्कुल बैठ जाएगा
ज़रा तकलीफ़ तो होगी
मगर तुम ये तो सोचो जान
कि खुल के रो तो पाओगे !
बहाना कर के सर्दी का
किनारे ज़ब्त को करके
उस दिन खुल के रोना तुम
के जैसे रोते हैं बच्चे
कि कैसे रोते हैं बच्चे
सजन तुम सीख जाओगे,
सजन हाॅं सीख जाओगे
मेरी डोली पे जो परदा,है वो क्या पारदर्शी है?
सजन जो ब्याहने आया ,है क्या वो भी दूरदर्शी है ?
मुझे डोली से क्या पंछी ,खुला आकाश दिक्खेगा?
सजन क्या वो भी मुझको, हू-ब-हू पलकों पे रक्खेगा?
सजन तुम साथ चलते तो ?
ज़रा सा दूर चलते तो ?
सुनो वो सज गई है क्या
वो डोली सज गई है क्या
कोई बतला दे ये मुझको
मेरी बारात है ये क्या
© हेमा काण्डपाल 'हिया'
शानदार रचना
जवाब देंहटाएंसुंदर नज़्म ,👏👏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत उम्दा🙏
जवाब देंहटाएंBahut hi khubsurat 👌👌❤️❤️
जवाब देंहटाएंखूबसूरत नज्म़ 💐
जवाब देंहटाएंBahut khoob Didi 👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत नज़्म👌
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत भावपूर्ण मार्मिक नज्म
जवाब देंहटाएंवाह्ह्हह्ह्ह्ह 💐
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत नज़्म
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