तेरे होने से ©दीप्ति सिंह

 क्या कहें जानें जाँ किस क़दर प्यार है

तेरी उल्फ़त से साँसों में रफ़्तार है 


ख़्वाब से ख़ूबसूरत है बातें तेरी 

तेरी ख़ामोशियाँ भी असरदार है


हम महकते रहे हम बहकते रहे

हमनें जबसे किया तेरा दीदार है 


हमनें देखा नहीं है ख़ुदा को कभी 

तेरी सूरत में देेखा हरेक बार है


तेरे होने से है ज़िंदगी ज़िंदगी 

बिन तेरे सारी दुनियाँ भी बेकार है 

 

बस ये ख़्वाहिश रही साथ तेरा रहे 

अब किसी की कहाँ हमको दरकार है 


मेरी साँसों में ख़ुशबू तेरी घुल गई

और मुझमें घुला तेरा किरदार है


© दीप्ति सिंह "दीया"

टिप्पणियाँ

  1. बहुत-बहुत शुक्रिया आपका तुषार 😊💐💐

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  2. बहुत ही ख़ूबसूरत रूमानियत से भरी हुई ग़ज़ल 👌👌❤️💐💐😊

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    1. हृदय तल से आभार एवं सप्रेम अभिवादन आपका 🙏😊💐💐💐

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  4. बेहद खूबसूरत रूमानी गज़ल डियर 👌👌👌❤❤❤

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  5. हमेशा की तरह बेहतरीन प्रिय दीप्ति जी...😊🙏💓💐✨

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    1. हृदय तल से आभार एवं सप्रेम अभिवादन आपका डियर 😍💕🙏💐💐💐

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  6. बहुत सुन्दर ग़ज़ल है! ढेरों शुभकामनाएं और आशीर्वाद!

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    1. आपकी इतनी सुंदर प्रशंसा एवं आशीर्वाद के लिए हृदय तल से आभार एवं सप्रेम अभिवादन आपका 🙏😊💐💐💐💐

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    1. तहे-दिल से शुक्रिया एवं सस्नेहाभिवादन आपका प्यारी अंजलि 😊💕💐💐💐💐

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