कलम ©सरोज गुप्ता


वर्णित करता रूप किसी का, 
किसी का प्रीत जताये । 
किसी के सुख का छाप छोड़ता
किसी का दुख दर्शाये ।। 
कभी छेड़ दे बिगुल युद्ध का,
कभी शान्ति दूत बन जाये । 
सबक सिखाये कभी किसी को
कभी न्याय दिलवाये ।। 
कलम की ताकत सबपे भारी, 
हो राजा चाहें भिखारी । 
अगर ये अपने पे आ जाये
पलट दे सत्ता सारी ।। 
कलमकार की है जुबान ये, 
है हथियार ये कवि की । 
है आईना ये समाज का
चित्रण करे जो छवि की ।। 
कहाँ तलक मैं करूँ व्याख्या, 
इस नन्हीं सी कलम का । 
लेखक हो या चाहे पाठक
जाने महत्व कलम का ।।
© सरोज गुप्ता

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