कलम ©सरोज गुप्ता
वर्णित करता रूप किसी का,
किसी का प्रीत जताये ।
किसी के सुख का छाप छोड़ता
किसी का दुख दर्शाये ।।
कभी छेड़ दे बिगुल युद्ध का,
कभी शान्ति दूत बन जाये ।
सबक सिखाये कभी किसी को
कभी न्याय दिलवाये ।।
कलम की ताकत सबपे भारी,
हो राजा चाहें भिखारी ।
अगर ये अपने पे आ जाये
पलट दे सत्ता सारी ।।
कलमकार की है जुबान ये,
है हथियार ये कवि की ।
है आईना ये समाज का
चित्रण करे जो छवि की ।।
कहाँ तलक मैं करूँ व्याख्या,
इस नन्हीं सी कलम का ।
लेखक हो या चाहे पाठक
जाने महत्व कलम का ।।
© सरोज गुप्ता
बेहतरीन👏👏👏
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका गुंजित 🙏🙏
हटाएंWaah gazab ma'am 👌🙏
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका तुषार
हटाएंबहुत सुंदर रचना बहन जी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका भाई 🙏🙏🌹
हटाएंवाह 👌👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका निशा जी 🙏🙏🌹
हटाएंबहुत खूब मैम
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपका रानी बेटी 🙏🙏🌹
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