हो गए ! ©अंजलि
आपसे ही हुआ दर्द, आप मुस्कान हो गए,
ख्वाब आपके कैसे हमारे अरमान हो गए।
ये दिल हमारा अब घर हो गया है आपका,
हम मेहमान इसके आप मेज़बान हो गए।
नहीं लगी हमें ऐसे आदत कभी किसी की,
आपसे हुई जिंदगी, कैसे आप जान हो गए।
चाहत थी लफ़्ज़ों में पिरों दे ये इश्क अपना,
नज़रें जो मिली आपसे हम बेजुबान हो गए।
अकेले थे शर्मो-हया फक़त अक्स थे हमारे,
शरीक बने आप,हम आपसे शैतान हो गए।
नहीं रहा इल्म मुझे ज़माने की रिवायतों का,
ये जहान हुआ आपसे, आप जहान हो गए।
© अंजलि
बेहद खूबसूरत बेहद रूमानी गज़ल 👌👌👌👏👏👏
जवाब देंहटाएंShukriya ma'am ❤️
हटाएंबेहद सुंदर👌👌
जवाब देंहटाएंshukriya 😊🙏
हटाएंबेहद खूबसूरत दिलकश पेशकश 👌👌👌🍫
जवाब देंहटाएंShukriya ma'am ❤️
हटाएंBahut khoob Didi 👌👌👏
जवाब देंहटाएंShukriya Tushar 😊🙏
हटाएंसुंदर 👌🏻👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंShukriya 😊🙏
हटाएंबहुत ख़ूबसूरत ❤️❤️
जवाब देंहटाएंखूबसूरत 💐
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