आत्मिक प्रेम ©सरोज गुप्ता
आँख से आँख को बात कर लेने दो ,
साँस में साँस को ज़ज़्ब कर लेने दो ।
तुम करो तो यकीं मेरे अहसास पर
प्यार से प्यार को प्यार कर लेने दो ।।
तेरे भावों से गीतों की माला बुनूँ ,
तेरे धड़कन को मैं अपने दिल में सुनूँ ।
जो तुझे दर्द दे ऐ मेरे हमसफ़र.....
तेरी राहों से मैं हर वो काँटें चुनूँ ।।
जिंदगी का सफ़र यूँ ही चलता रहे ,
नैनों में सुरमई ख्वाब पलता रहे ।
प्रेम का पूर्ण संवाद हो जायेगा.....
मौन गर मौन को यूँ समझता रहे ।।
रूप से रूह तक मैं सवारूँ तुम्हें ,
अपने बाहों में लेकर दुलारूँ तुम्हें ।
अंत जीवन का हो तो तेरे सामने....
रहना तुम पास में जो पुकारूँ तुम्हें ।।
© सरोज गुप्ता
बहुत बहुत धन्यवाद आपका तुषार 🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएंअतिसुंदर 👌🏼👌🏼
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका आशीष जी🙏🙏💐💐
हटाएंवाह 👌👏
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका निशा जी 🙏🙏💐💐
हटाएंबेहद खूबसूरत बेहद रूमानी गीत 👌👌👌👏👏👏🙏
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका दीप्ति जी 🙏🙏💐💐
हटाएंBehad umda 👌👏
जवाब देंहटाएंसादर आभार आपका तुषार जी 🙏🙏💐💐
हटाएंसादर आभार आपका गुंजित 🙏🙏💐💐
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत 👌👌❤️
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद डियर 🙏🙏💐💐
हटाएंBahut sundar 🙏🙏
जवाब देंहटाएंवाह्ह्हह्ह्ह्ह 💐
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