मां ©सौम्या शर्मा

 तुम आ जाओ तो फिर से छोटी हो जाऊं मां!

तुम्हारी गोद में फिर से कहीं खो‌ जाऊं मां!!


बड़े इम्तिहान लेती है जिंदगी मां मैं क्या कहूं!

तुमसे लिपटकर चैन की नींद सो जाऊं मां!!


बड़ी नासाज दुनिया है कोई अपना नहीं लगता!

ढेरों बातें करूं तुमसे थोड़ा सा रो जाऊं मां!!


तुम्हारे बाद अपने जज्बात छुपाना सीख लिया!

तुम आओ तो दिल में दबा सब कह जाऊं मां!!


जानती हूं खुदा की गोद में कहीं महफूज हो तुम मां!

बस अब यूं करुं कि तेरी हर याद संजो जाऊं मां!!

   © सौम्या शर्मा

टिप्पणियाँ

  1. अत्यंत भावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी सृजन 👌👌👌👏👏👏

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  2. मन को छू लेने वाली भावपूर्ण रचना 👌👌👌❤❤❤

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