ये मौसम ©सुचिता
ये बारिश का मौसम गुलाबी -गुलाबी
समाँ है नशीला , शराबी -शराबी ।
निगाहें भी तेरी ,सवाली - सवाली …
तो चेहरा मिरा भी ,किताबी- किताबी ।
अदा हाय ! ये शोख़ियाँ तेरी जानाँ ..
दिलो में करें हैं , ख़राबी -ख़राबी ।
हैं मदहोश सी , ये हवायें - फ़िज़ायें ..
अज़ब सी है छाई , खुमारी -खुमारी ।
छिटकने लगी हैं ये ख़ामोशियाँ भी
तेरा इश्क़ तो है , जवाबी -जवाबी ।
झुका लो तुम अपनी नशीली निगाहें..
ये दिल हो न जाए , शराबी -शराबी ।
फ़साना तो ये इश्क़ -ओ-हुस्न का है
ये दुनिया बहुत है , सवाली- सवाली ।
© सुचिता
Bahut khoob Didi 👌👌
जवाब देंहटाएंShukriya bhai 😊
हटाएंWaah 👌👌
जवाब देंहटाएंशुक्रिया 😊❤️
हटाएंबेहद खूबसूरत गज़ल 👌👌👌❤❤
जवाब देंहटाएंshukriya ❤️❤️😊🤗
हटाएंबेहद खूबसूरत बेहद रूमानी गज़ल 👌👌👌👏👏👏
जवाब देंहटाएंshukriya 🤗❤️❤️😊
हटाएंखूबसूरत ग़ज़ल 💐
जवाब देंहटाएंशुक्रिया 😊💐💐
हटाएंशुक्रिया 😊💐
जवाब देंहटाएंबेहतरीन 👌🏼
जवाब देंहटाएंशुक्रिया 🙂
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