नहीं आते! ©सौम्या शर्मा

 कैद करना तस्वीरों में वो सुहाने पल सभी!

लौटकर फिर वो बीते जमाने नहीं आते!!

दूर से ही खैरियत सबकी पूछ लेते हैं अक्सर!

रिश्ते नये जमाने के आंख मिलाने नहीं आते!!

छूट जाते हैं कभी जब सफर-ए-जिंदगी में!

कांधे पर रखने हाथ वो दोस्त पुराने नहीं आते!!

लाख कोशिशें कर लेना फिर बताना हमें यारों!

क्यूं इश्क में कभी होश ठिकाने नहीं आते!!

अंदर ही घुटते हैं मौत से पहले ही मर जाते हैं!

वो लोग दिल के राज जिनको बताने नहीं आते!!

हमसे मुहब्बत करना गर तो सच्ची सी कर लेना!

आजमाइशों वाले हमको तो तराने नहीं आते!!!

मात यूं भी खा गए हम रिश्तों की कशमकश में!

हमको इल्जाम किसी पर भी लगाने नहीं आते!!

दिल को इस कदर मेरे साफगोई की आदत है!

हां या ना के बीच के कोई बहाने नहीं आते!!

सहेजकर रखना उन अजीज यादों को दोस्त!

लौटकर वो बचपन वाले दिन सुहाने नहीं आते!!

आज के दौर में रिश्तों की आजमाइश मत करना!

दूर हो जाते हैं लोग, गलतफहमी मिटाने नहीं आते!!

                                 ©सौम्या शर्मा

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