महर्षि पतंजलि ©अनिता सुधीर
पावन भू पर जन्म लिए,मुनि भारत गौरव गान लिखे।
दर्शन योग पतंजलि का,ऋषि धातु रसायन मान लिखे।।
योग विधान प्रसिद्ध हुआ,परिभाषित सूत्र महान लिखे।।
भाष्य विवेचन सार लिखे,वह संस्कृति का अवदान लिखे।।
अष्ट प्रकार सधे तन ये,छह दर्शन में उत्थान लिखे।
औषधि वैद्य पितामह थे,तन साधन का तप ज्ञान लिखे।।
जो उपचार किए मन का,मन चंचल का वह ध्यान लिखे।
रोग विकार मिटा जग का,वह भारत की पहचान लिखे।।
अनिता सुधीर आख्या
हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंअद्भुत🙏🙏
जवाब देंहटाएंप्रणम्य 🙏🙏
जवाब देंहटाएंसार्थक सृजन 👌👌🙏🙏
जवाब देंहटाएंAdbhut ma'am 🙏🙏
जवाब देंहटाएंअति सुंदर एवं सार्थक संदेश 👌👌👌👏👏👏🙏
जवाब देंहटाएं👌👌👏👏
जवाब देंहटाएंसुंदर वर्णन आदरणीया...🙏👏👌
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना 🙏
जवाब देंहटाएं