मुहब्बत ©दीप्ति सिंह
आपसे जबसे मुहब्बत हो गई ।
देखिये क्या दिल की हालत हो गई ।।
चैन दिल का हो गया है गुमशुदा ..
और राहत दिल से रुख़सत हो गई ।।
इस क़दर है आपने जादू किया ..
हर तरफ आबाद जन्नत हो गई ।।
अब नज़र में आपका ही नूर है ..
आपकी जबसे इनायत हो गई ।।
दिल मुहब्बत के नशे में चूर है ..
आपने चाहा ये किस्मत हो गई ।।
रश्क़ हमसे चाँद को होने लगा ..
चाँदनी को भी शिकायत हो गई ।।
आप की नज़रों से खुद को देख के ..
ये 'दिया' भी खूबसूरत हो गई ।।
@दीप्ति सिंह "दीया"
Bahut khoob ma'am 😍
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुक्रिया आपका तुषार 😊🌷
हटाएंWajah❣️
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुक्रिया आपका गोपाल 😊🌷
हटाएंलाजवाब ग़जल
जवाब देंहटाएंतहे-दिल से शुक्रिया आपका 🙏😊🌷
हटाएंWaah! Beautifully penned dear Dipti ji...😊🌹🌹
जवाब देंहटाएंतहे-दिल से शुक्रिया आपका प्रिय माधुरी जी 😊🌷🙏
हटाएंग़ज़ब बहुत ही सुन्दर 🤩
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुक्रिया आपका 🙏🌷😊
हटाएंखूबसूरत ग़ज़ल 💐
जवाब देंहटाएंतहे-दिल से शुक्रिया आपका 🙏🌷😊
हटाएं