ग़ज़ल -सीख © आशीष हरीराम नेमा

मौसिकी के हर तरीके आजमाना सीख लो ।

चाहते हो गर सुकूँ तो गीत गाना सीख लो ।।


साथ पाने को किसी का क्यों परेशां हो रहे ,

यार तुम भी जिंदगी तन्हा बिताना सीख लो ।।


चाहिए कुछ भी नहीं बस हाल दिल का जानने , 

सिर्फ दुखती नब्ज़ हौले से दबाना सीख लो ।।


दौर आएगा जहाँ से जीत पाने के लिए ,

दाँव पर रिश्ते लगेंगे हार जाना सीख लो ।।


क्या भरोसा कल नयी आफत खड़ी हो दूसरी ,

आज से ही आदतें अच्छी बनाना सीख लो ।।


                    ✍️© आशीष हरीराम नेमा


टिप्पणियाँ

  1. बेहद खूबसूरत गजल👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👌👌👌👍👍😊😊

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  2. वाह वाह क्या बात है बेहद खूबसूरत गज़ल 👌👌👌👏👏👏

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  3. 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🙌👌👍

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