ईश्वर से जिसका नाता है ©रजनीश सोनी

 ईश्वर से  जिसका  नाता  है

******(गीत) 

दाना पानी  लिखा जहाँ का,

लिखा जहाँ का  दाना पानी, 

भाग्य  हमें  लेकर  आता  है.


लिखा योग है जहाँ मृत्यु का, 

जहाँ मृत्यु का योग लिखा है, 

काल खींचकर  ले आता  है.


जोर किसी का  नहीं चलेगा, 

नहीं चलेगा  जोर किसी का, 

नाहक  बन्दे  भय  खाता  है.


ईश्वर  से  जिसका  नाता  है, 

नाता  है  जिसका  ईश्वर  से, 

कभी  नहीं  वह  घबराता है.


माया ठगिनी   मन को  मोहे, 

मन  को  मोहे  माया ठगिनी, 

आखिर अंत   ठगा  जाता है.


झंझावातों   से    जीवन  के, 

जीवन   के    झंझावातों  से, 

प्राणी  क्योंकर   घबराता  है.


लेखा जोखा  हानि लाभ का, 

हानि लाभ का  लेखा जोखा, 

सब कुछ छोड़ यहीं, जाता है.

                   @रजनीश

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