चाहत © रेखा खन्ना
जो टूटा हुआ है अंदर से उसे ये समझ कर मोहब्बत मत जताओ कि आप की मोहब्बत से ही जुड़ सकेगा वो। उस से ऐसे मोहब्बत करो कि उसे ये महसूस हो कि वो कभी टूटा ही नहीं था बस मोहब्बत की तलाश में था।
मोहब्बत जताने के लिए तो दो बोल ही काफी होते हैं। प्यार से गले लगा कर कह देना कि " मैं हूँ ना साथ फिर किस बात की चिंता है " । बस इतना ही काफी है। ये भी नहीं कहना तो प्यार से गले लगा कर माथा चूम लेना ही दिल को ये दिलासा दे जाता है कि कोई तो है जो दिल से ख्याल रखता है।
पर कभी कभी ऐसा कोई नहीं होता है जो ये हक जता सकते। जिंदगी में कभी कभी लोग साथ तो होते हैं पर फिर भी इक अकेलापन हमेशा दिल के अंदर साँसे ले रहा होता है और वो धीरे धीरे ना जाने कब एक आदत का रूप ले लेता है कि जब कोई जिंदगी में शामिल भी होता है तो उसे पूरी तरह स्वीकार करने में बहुत वक्त लग जाता है।
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चाहो मुझे ऐसे कि मोहब्बत को दिल ना तरसे
गले लगाओ ऐसे कि दिल से दिल मिल जाए।
ऐसे ना चाहो की दिल एहसान तले दबता लगे
ऐसे चाहो कि दिल, नित नई उमंगों से खिल जाए।
ऐसे चाहो कि पहली बार दिल छुआ हो किसी ने
गर ना मिलते तो दिल, ताउम्र, अनछुआ ही रह जाए।
मोहब्बत है तो उसे दिल से जताना भी जरूरी है
ऐसा ना हो कि दूजे का दिल तरसता ही रह जाए।
ना जोड़ने की कोशिश करो किसी तन्हा दिल को
इंतज़ार करो कि वो खुद ही मोहब्बत से पिघल जाए।
पिघलता मन और तड़पता दिल अक्सर मौन रहते हैं
कोशिश करो कि उस मौन चाहत को आवाज़ मिल जाए।
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किसी को चाहो तो उसे पूरी तरह से स्वीकार कर के चाहो। एहसान की तरह दिखावे की मोहब्बत ना जताओ। मोहब्बत जहाँ दिलों को पिघला कर एक दूसरे को हमेशा के लिए एक कर देती है। तो दिल खुद ही गाता है कि ..........
बेकरार मोहब्बत है, जरा नज़रों से ही छू लेना
सीने से लगाकर, तुम मेरा तन-मन पिघला देना।
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तो वहीं मोहब्बत पत्थर में भी बदल देने का हुनर रखती है और दिल खुद-ब-खुद कहता है कि ......
उसकी मोहब्बत में हम मोम की तरह पिघल गए
उसने पत्थर कैसे बनते हैं प्यार में सिखा दिया।
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दिल के एहसास। रेखा खन्ना
©dil_k_ahsaas
Gajjab ma'am 🔥🔥
जवाब देंहटाएंशुक्रिया 😊
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