पवनपुत्र ©अनिता सुधीर

 चैत माह की पूर्णिमा, प्रकट भक्त हनुमान ।

राम नाम उर मे धरे ,करें राम का ध्यान ।।


मारुति नन्दन वीर हैं ,रुद्र शिवा अवतार।

रामदूत  हनुमान जी ,करते बेड़ा  पार ।।


जपे नाम हनुमान का, मिटते सारे रोग ।

भवसागर से तार दें ,उत्तम जीवन भोग।।


मूरत  तेरी  देख  कर , दूर  भागता   काल।

दया करो मुझ दीन पर ,हे अँजनी के लाल ।।


भक्तों के दुख दूर हों,संकट मोचक आप।

प्रभु अपना आशीष दो, मिटे जगत का ताप ।।


ज्येष्ठ मास मंगल रहा,लखनऊ का कुछ खास ।

पवन पुत्र हनुमान जी,पूरी  करिये आस ।।


तुलसी तुलसी घाट पर,पूर्ण किये थे ग्रंथ।

इष्ट देव हनुमान जी,सदा दिखाए पंथ।।


                                    @अनिता सुधीर आख्या

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