"उस बात को"
हाथों पर हाथ रखे तुम्हारे,
जन्मदिन वाली उस रात को ।
हा एक अरसा बिता,
अब उस बात को ।।
इस भागमभाग की ज़िन्दगी में,
फुरसत नहीं, ख़्वाब में भी मुलाकात को ।
तुम्हारी ख़्वाहिशो, मेरी मजबूरीयों,
या दोष दू, हालात को ।।
हा एक अरसा बिता,
अब उस बात को ।।
@ alok kumar shaw
Bahut khoob👌👌
जवाब देंहटाएं👌👌👌
जवाब देंहटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंAhaa... khoob 👌👌
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