माँ.. ©शशिकांत
माँ..
जो मुझे मुझसे नौ महीने ज्यादा जानती है।।
माँ..
जिसे बना कर वो ईश्वर भी रोया होगा, की अब उसकी पूजा कम होगी इस माँ के सामने।।
माँ..
एक ऐसा शब्द जो एक अक्षर का होते हुए भी पूरे ब्रह्मांड को खुद में समा ले।।
माँ..
जिसकी आंचल ने ज़िन्दगी के थपेड़ों से बचाया।।
माँ..
दूसरों की लाडली होने से लेकर खुद अपने बच्चो पर लाड लुटाने वाली महिला का सफर, माँ कहलाया।।
@Shashi Kant
Bahut Sundar Kavita aur chitr bhi😍 😍
जवाब देंहटाएंShukriya Bhai 🙏🙏💐
हटाएंबहुत बेहतरीन
जवाब देंहटाएंJi shukriya aapka🙏🙏
हटाएंमाँ ❤️
जवाब देंहटाएंबहुत खूब भाई
Dhanywaad Gopal 🙏🙏😊❤️
हटाएंबहुत सुंदर कविता ,चित्र भी बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंThank you so much ma'am 🙏
हटाएंभावपूर्ण एवं हृदयस्पर्शी 💕👌👌👌
जवाब देंहटाएंDil se aabhaar didi😊🙏
हटाएंअत्यंत भावपूर्ण पंक्तियां मां के लिये 👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंBahut bahut shukriya ma'am 🙏😊💐
हटाएंहृदय स्पर्शी
जवाब देंहटाएंBehad dhanywaad sir 🙏🙏😊
हटाएंAmazing ✍👌👌
जवाब देंहटाएंThnx a bunch😊
हटाएंLove ur words
जवाब देंहटाएं