गज़ल :- आसमां से कहो ©अर्चना तिवारी तनुजा
आसमां से कहो अब घटा चाहिए,
खूबसूरत हमें इक छटा चाहिए।१।
आग सी है जलन वादियों मे घुली,
गंग की धार बहती जटा चाहिए।२।
दौर ये मुश्किलों का हमें बदलना,
बा-असर हो अजीयत हटा चाहिए।३।
सोच कर मै बहुत हूँ परेशान ये,
मुल्क़ मेरा न टुकड़ों बटा चाहिए।४।
काफ़िला है जवानों का जय घोष हो,
नारा जय हिंद सब को रटा चाहिए।५।
शान है ये तिरंगा हमारी जहाँ,
अब तो दुश्मन जब़ी ही कटा चाहिए।६।
वालिदा है हमारी वतन की ज़मी,
ढाल फौलाद सा तू डटा चाहिए।७।
कर शहादत को तनुजा नमन देख ले,
हिंद का सीना न ज़ख्मों फटा चाहिए।८।
@अर्चना तिवारी तनुजा
नमन🙏
जवाब देंहटाएंबेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर 👌👌
जवाब देंहटाएंकमाल
जवाब देंहटाएंसुन्दर 👌
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