कुदरत का खेल !! ©तुषार पाठक

 किसी ने सही ही कहा है "जब आप के पास सुख है तो दुःख का आना तय है" यह कहानी है एक मध्य वर्ग परिवार की, एक माँ की वह कैसे रहती है, आज से 10-20 साल पूर्व माँ से ससुराल, रिश्तेदार सब को एक पुत्र की इच्छा होती थी। पुत्र न होने पर दुश्मनों से भी ज्यादा बुरा बर्ताव होता था। उस माँ ने एक नहीं 5 पुत्र दुनिया में आते ही चले गए। उस माँ के बारे में सोचिए उस पर क्या बीती होगी , जिसको कागज़  पर उतारना किसी के लिए संभव नही।


कहते है ना " ऊपर वाला सब की सुनता है, उसने उस माँ की भी सुन ली। माँ इतनी महान होती है कि क्या बोलू , कि  जब वह अपने बचपन में पापा की यहाँ होती है तो,  वहाँ अपने शौक,सुख अपनी इच्छाये पूरी नही कर पाती है, ताकि उनके पापा का पैसा बच सके। बाद में वह शादी करके अपने पति के पास आ जाती है, तो वहाँ भी वह अपने पति के पैसे बचाती है आने वाले कल के लिए, अपने बच्चो के लिए, उनके अच्छे कल के लिए वह अपने सुख को अधूरा छोड़ देती है। ऐसा नही है कि वह अपने सुख   भोग नही सकती,पर माँ को अपने सुख पर भोग करना तभी अच्छा लगता हैं जब उसका बेटा अपने पैरों पर खड़ा हो, कमाता हो।


 तो जब उनके बेटे ने कमाना शुरू किया तो उसने अपनी पहली तनख्वाह से अपनी माँ के लिए साड़ी, मोबाइल ख़रीदा। उस माँ ने सबको यह बात बताई और बात बताते हुए उसकी  ख़ुशी देखने लायक थी। जब उस माँ का  दुखो के बदले सुख में रहने का समय आया तो ऊपर वाले को कुछ और पसंद आया।  उसके बाद माँ की तबीयत ख़राब होने लगी , अचानक उनकी तबीयत खराब  हुई और उनको अस्तपताल ले जाना पड़ा , उस समय उनका बेटा किसी और शहर में रहकर कमा रहा था | उस वक़्त उनके साथ  पति ही थे ,वह जल्दी ही उनको ऑटो में बिठा कर अस्तपताल के  ले गए , अस्तपताल  १५-२० मिनट की दूरी पर था| उस बीच  के सफर  में  माँ  ने अपने पति से  कहा कि  हम दोनों का सफर यहीं  तक का था , और  आपसे  अगले  जन्म में मुलाकात होगी | और मेरे बेटे को मेरे तबीयत के बारे में न बतायें | इतने ही देर में अस्तपताल पहुँच गए | किसी और ने बेटे को  बता दिया , बेटा तुरन्त सब कुछ छोड़ कर माँ को देखेने आया |   अब वह माँ भी ज़िन्दगी के लिए लड़ रही है। तब माँ ने हार नही मानी थी। अब बेटे की बारी है, तब माँ ने हिम्मत नही हारी थी। तो बेटा कैसे हार सकता है,  बेटे पति और सभी के प्रथना के बाद  भी  माँ  को रोका न जा  सका | माँ की अपने बेटे की शादी कराने  की इच्छा अधूरी रह गयी l

                                          @तुषार पाठक 

टिप्पणियाँ

  1. अत्यंत संवेदनशील एवं भावपूर्ण 💕👌👌👌

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